जब नाख़ून बढ़ जाते है तब नाखून ही काटे जाते है , उँगलियाँ नहीं,इसलिए अगर रिश्तों में दरार आ जाए तो दरार को मिटाइये न की रिश्तों को |
झूठा वादा था तेरा , मेरी तसल्ली के लिए | उसी वादे ने मिटाके रख, दिया मुझको |
कोशिशे सबने की मुझको, मिटाने की | तेरी दुआओं का असर है , की सलामत हूँ मैं |
तुमने तो प्यार की हर रस्म निभा दी | पर अफसोस उसने मेरी हस्ती ही मिटा दी |